राजकीय महिला महाविद्यालय, बदायूँ


बदायूँ जनपद की महिला अभ्यर्थियों के लिए उच्च शिक्षा महाविद्यालय की आवश्यकता की पूर्ति हेतु उ.प्र. सरकार द्वारा सत्र 2014 में एक राजकीय महिला महाविद्यालय के निर्माण का निर्णय लिया गया उपयुक्त भूमि चिन्हित कर दिनांक 18.02.2014 को शिलान्यास कर महा विद्यालय भवन निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया जुलाई 2016 में प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होने के साथ ही स्नातक स्तर पर कला संकाय में हिन्दी अंग्रेजी, उर्दू अर्थशास्त्र राजनीतिशास्त्र समाजशास्त्र गृहविज्ञान विज्ञान संकाय में गणित भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान वनस्पति विज्ञान एवं जन्तु विज्ञान विषय तथा वार्णिज्य संकाय में अगस्त 2016 से प्रध्यापकों की तैनाती के साथ ही शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया गया चार मंजिला भवन के भूतल तथा प्रथम तल का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका हैै। शेष द्वितीय व तृतीय तल का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में जिसके सत्र 2017 से 2018 के प्रारम्भ होने से पूर्व पूर्ण हो जाने की सम्भावना है। महाविद्यालय परिसर में एक छात्रावास के निर्माण का भी प्रस्ताव है।


शिक्षणोत्तर एवं पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाएं

महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं ने छुपी हुई प्रतिभा को उजागर करने के उद्देश्य व उनके सर्वागीण विकास के लिए पाठ्यक्रम सहगामी योजनायें भी महाविद्यालय में संचालित की जाती हैः


1. एन.एस.एस.ः

इस नव स्थापित महाविद्यालय के पहले सत्र 2016 से 17 से ही महाविद्यालय ने राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई प्रारम्भ करने हेतु एम.जे.पी. रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली से सम्पर्क कर विधिवत आवेदन किया। आगामी सत्र 2017 से 18 से 100 स्वयं सेवकों की एक इकाई की स्वीकृति प्रदान करने आशवासन वि.वि. प्रशासन से मिल चुका है।


2. रेंजर्सः

उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालय में स्काउटिंग की यूनिट के रूप मंे छात्राओं का पंजीकरण कर उनमें अनुशासन, स्वालम्बन एवं जन सेवा की भावना विकसित करने का प्रयास किया जायेगा।


3. शारीरिक शिक्षा एवं खेल कूदः

स्वस्थ्य शरीर मंे स्वस्थ्य मस्तिष्क निवास करता है। इस कथन की पूर्ति महाविद्यालय परिसर में आगामी सत्र से छात्राओं हेतु खेल कूद सुविधाओं को विकसित करने का प्रयास महाविद्यालय प्रशासन द्वारा किया जायेगा। सीमित संसाधनों के रहते हुए महाविद्यालय में शीघ्र ही खो.खो कबड्डी बैडमिन्टन टेबिल टेनिस, वास्केटबाल एवं अन्य खेलों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण की सुविधा निकट भविष्य में उपलब्ध हो जायेगी।


4. पर्यावरण संरक्षणः

स्वच्छ नगर स्वच्छ डगर छात्राओं में पर्यावरण के प्रति संचेतना उत्पन्न करने तथा स्वच्छ भारत अभियान को बल देने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण क्लब की स्थापना की गयी है।इस क्लब के सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है की वे अपने मोहल्ले गांव तथा आसपास में पर्यावरण की प्रति आम जनता को सजग करने हेतु विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम में सहयोग करे तथा अधिक संख्या में वृक्ष लगाकर उनको विकसित करे।


5. विभागीय परिषदः.

एक सभ्य समाज को विकसित करने में उस क्षेत्र विशेष को नेतृत्व प्रदान करने वाले व्यक्ति की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। छात्राओं में नेतृत्व की नैसर्गिक प्रतिभा को उजागर करने के लिए महाविद्यालय में विभागीय परिषदांे का गठन किया जाता है। जो समय समय पर शैक्षणिक सत्र मंे विभिन्न ज्वलन्त समस्याओं पर लेखमाला, भाषण, प्रश्नमंच, नारा लेखन आदि कार्यक्रमों का आयोजन कर छात्राओं को अपने विचार प्रकट करने के लिए अवसर एवं एक मंत्र प्रदान किया जाता है।


6. युवा महोत्सवः

महाविद्यालय प्रशसन का यह मानना है कि महाविद्यालय में अध्ययनरत हर अभ्यर्थी में कोई न कोई प्रतिभा होती है। बाह्यमुखी अभ्यर्थियों में यह प्रतिभा नैसर्गिक रूप से उजागर हो जाती है। अन्र्तमुखी अभ्यर्थियों की प्रतिभा को उजागर करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता होती है। वर्षभर की गतिविधियों के अतिरिक्त ‘युवा महोत्सव समारोह के रूप में महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को एक खुला मंच प्रदान किया जाता है जहां वे उनमुक्त भाव से प्रतिभाग कर सकती है। इस महोत्सव के अन्तर्गत नारा लेखन, चार्ट प्रतियोगिता, मेंहदी, पाक कला, प्रश्नमंच, निबन्ध, भाषण, त्योहारों के कार्ड, कलश सज्जा, एकांकी नाटक, समूह गान, बेस्ट मैटिरियल से गृह उपयोगी वस्तुओं का निर्माण आदि ऐसी अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसे भविष्य में प्रवीणता प्राप्त करने पर स्वरोजगार के रूप में भी अपनाया जा सकता है।


7. वार्षिकोत्सव एवं अलंकरणः

वर्ष भर की प्रतिस्पद्र्वात्मक गतिविधियों में प्रतिभाग करने वाली छात्राओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तथा स्थानीय गणमान्य नागरिकों एवं अभिभावकों को महाविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की आख्या प्रस्तुत करने तथा इस दिशाा में महावद्यालय प्रशासन द्वारा भविष्य में किये जाने वाले प्रयासों में सुझाव प्रदान करने के उद्देश्य से समारोह का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर गतपरीक्षा में कक्षा एवं विषयवार उच्चतम अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को अलंकरित किया जाता है।


नोटः

शिक्षणेत्तर गतिविधियों पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं प्रयोगशाला में अकस्मान होने वाली दुर्घटनाओं में हुई किसी भी शारीरिक, आर्थिक क्षति के लिए महाविद्यालय प्रशासन उत्तरदायी नहीं होगा। मात्र प्रारम्भि चिकित्सा सुविधा महाविद्यालय द्वारा प्रदान की जायेगी जो महाविद्यालय में उपलब्ध है।



 

 

 

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